पहला वनडे इंटरनेशनल मैच: क्रिकेट का नया युग

Introduction:


5 जनवरी 1971 का दिन क्रिकेट इतिहास में एक अहम मोड़ साबित हुआ। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया पहला वनडे इंटरनेशनल मैच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में हुआ। यह मैच केवल 40 ओवर का था, और हर ओवर में 8 गेंदें डाली गईं। इस मुकाबले ने क्रिकेट के नए युग की शुरुआत की, जिसने खेल को और भी रोमांचक बना दिया।

कैसे हुआ वनडे का जन्म:


यह मैच मूल रूप से नहीं होना था। 1970-71 एशेज सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच को लगातार बारिश के कारण रद्द करना पड़ा। ऐसे में आयोजकों ने नया फॉर्मेट आजमाने का फैसला किया – एक वनडे इंटरनेशनल। हालांकि, इस मैच को ‘लिटिल टेस्ट’ कहा गया और इसे आखिरी समय में एक तंबाकू कंपनी द्वारा स्पॉन्सर किया गया।

मैच का महत्वपूर्ण मोड़:


इंग्लैंड के बल्लेबाज जॉन एद्रिच को इस मैच में शुरुआत में खेलना नहीं था, लेकिन एक खिलाड़ी की चोट के कारण उन्हें मौका मिला। उन्होंने इस मैच में अर्धशतक बनाया और इंग्लैंड के 190 रन के स्कोर में अहम भूमिका निभाई। ऑस्ट्रेलिया के ग्राहम मैकेंजी ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 3 विकेट चटकाए। ऑस्ट्रेलिया ने इयान चैपल और डग वाल्टर्स की बल्लेबाजी की बदौलत 5 विकेट से यह मैच जीत लिया।

मैच के अनोखे नियम:


इस मैच का एक अनोखा नियम था कि हर ओवर में 8 गेंदें थीं, जो आज के समय से अलग है। यह फॉर्मेट उस समय क्रिकेट में प्रयोग के तौर पर इस्तेमाल हो रहा था।

वनडे का असर:


यह वनडे मैच क्रिकेट के विकास का पहला कदम साबित हुआ। आज यह फॉर्मेट दुनिया भर में सबसे लोकप्रिय क्रिकेट फॉर्मेट्स में से एक है। वर्ल्ड कप, बड़े-बड़े टूर्नामेंट और रिकॉर्ड्स इसी फॉर्मेट की देन हैं। यह पहला मैच क्रिकेट के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हुआ।

निष्कर्ष:


पहला वनडे इंटरनेशनल मैच एक ऐसा लम्हा था जिसने क्रिकेट को पूरी तरह से बदल दिया। अगर आपको यह जानकारी रोचक लगी, तो इसे शेयर करें और ऐसी ही और जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग को फॉलो करें.

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